SSC JHT Previous Year Question Papers 1 Hindi with Solutions

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1 SSC JHT Previous Year Question Papers 1 Hindi with Solutions
1.2 Paper-I (General Hindi) PYQ Solutions

SSC JHT Previous Year Question Papers 1 Hindi with Solutions

इस लेख में, हम आपको SSC JHT Previous Year Question Papers 1 Hindi with Solutions, साथ ही उदाहरण और स्पष्टीकरण प्रदान करेंगे। पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र (PYQ) परीक्षा पैटर्न और कठिनाई के स्तर को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे छात्रों के आत्मविश्वास को काफी बढ़ाते हैं और उन्हें प्रभावी ढंग से तैयार करने में मदद करते हैं। इन PYQ को हल करके, आप अपनी किसी भी शंका या चुनौती की पहचान कर सकते हैं और अपनी आगामी परीक्षाओं से पहले उन्हें दूर करने का प्रयास कर सकते हैं। इसके अलावा, इन पेपरों को हल करने से आपको परीक्षा के दबाव का वास्तविक समय का एहसास होता है, जो आपकी परीक्षा सहनशक्ति को बढ़ाने में अमूल्य है।

यह संसाधन विशेष रूप से भारत भर के उन छात्रों के लिए फायदेमंद है जो SSC JHT परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इन पेपरों से अपनी तैयारी शुरू करें और सफलता की एक नई राह खोजें!

नोट:- इस PYQ का पीडीएफ लिंक पेज के अंत में दिया गया है।


Junior Hindi Translator (JHT) Exam 2018

Paper-I (General Hindi) PYQ Solutions

प्रश्न 1: ‘उग्र’ का विलोम होगा:

  • धीर
  • चंचल
  • अशिष्ट
  • सौम्य ✅

सही उत्तर: सौम्य

व्याख्या:

  • ‘उग्र’ का अर्थ होता है – तीव्र, कठोर, क्रोधित या अत्यधिक तीखा स्वभाव। इसका विलोम (विपरीत अर्थ वाला शब्द) वह शब्द होगा जिसका अर्थ शांति, मधुरता या विनम्रता से जुड़ा हो।
  • ‘सौम्य’ का अर्थ होता है – शांत, कोमल, विनम्र, मृदु स्वभाव वाला।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • अगर कोई नेता बहुत उग्र भाषण देता है, तो हम कहते हैं कि उसकी भाषा में तेज़ी है।
  • दूसरी ओर, एक सौम्य वक्ता की बातें सुनकर शांति महसूस होती है।

प्रश्न 2: स्पर्श व्यंजनों में प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा व्यंजन होता है:

  • ऊष्म
  • महाप्राण ✅
  • अल्पप्राण
  • द्विस्पृष्ट

सही उत्तर: महाप्राण

व्याख्या:

  • हिन्दी वर्णमाला में व्यंजन पाँच वर्गों में विभाजित होते हैं। हर वर्ग में पाँच वर्ण होते हैं।
  • इनमें से दूसरे और चौथे स्थान पर आने वाले व्यंजन महाप्राण होते हैं।
  • महाप्राण वह ध्वनि होती है जिसमें उच्चारण करते समय अधिक हवा निकलती है।

उदाहरण:

  • पहले वर्ग (क वर्ग): क (1), ख (2 – महाप्राण), ग (3), घ (4 – महाप्राण), ङ
  • दूसरे वर्ग (च वर्ग): च, छ, ज, झ, ञ

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • जब हम ‘ख’ या ‘घ’ बोलते हैं तो मुँह से अधिक हवा निकलती है, जबकि ‘क’ और ‘ग’ बोलते समय कम।

प्रश्न 3: निम्नलिखित में से किस शब्द में अनुनासिक का सही प्रयोग हुआ है?

  • कँबल
  • पँख
  • वेदाँत
  • रँग ✅

सही उत्तर: रंग

व्याख्या:

  • अनुनासिक (Nasal sound) का मतलब है — वह ध्वनि जो नाक से निकलती है। हिन्दी में इसे दो तरीके से दर्शाया जाता है:
  • अनुस्वार (ं) – जैसे शब्द: संत, कंबल, रंग
  • चंद्रबिंदु (ँ) – जैसे शब्द: हँसना, माँ, चाँद

यहाँ पूछा गया है कि “अनुनासिक का सही प्रयोग” किस शब्द में हुआ है।

  • इसमें ‘रं’ और ‘ग’ के बीच की नाक से निकलने वाली ध्वनि को अनुस्वार कहते हैं।
  • यह शुद्ध शब्द है, जिसमें ‘ं’ (अनुस्वार) का सही प्रयोग है।
  • ‘रंग’ में ‘ग’ के पहले ‘ं’ अनुस्वार के रूप में प्रयोग होता है और यह स्वीकृत व मान्य है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित में से भाववाचक का उदाहरण कौन सा है?

  • धूप में चला नहीं जाता। ✅
  • समाचार पढ़ा जाता है।
  • फल खाया जाता है।
  • मानव पढ़ता है।

सही उत्तर: धूप में चला नहीं जाता।

व्याख्या:

  • भाववाचक संज्ञा वह होती है जो किसी भाव, गुण, दशा या अवस्था को प्रकट करती है।
  • ‘धूप’ एक भाववाचक संज्ञा है क्योंकि यह किसी भौतिक वस्तु को नहीं, बल्कि प्रभाव या स्थिति को दर्शाती है।
  • जबकि ‘समाचार’, ‘फल’, ‘मानव’ – ये सभी वस्तु या व्यक्ति को दर्शाते हैं, जो भाववाचक नहीं हैं।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • “धूप” में गर्मी की स्थिति व्यक्त होती है, कोई वस्तु नहीं।
  • अन्य उदाहरण: दया, सुंदरता, गंध, थकावट

प्रश्न 5: अ, इ, क, ख इत्यादि क्या हैं?

  • स्वर
  • वर्ण ✅
  • हल
  • व्यंजन

सही उत्तर: वर्ण

व्याख्या:

  • वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है।
  • ‘अ’, ‘इ’ – स्वर वर्ण
  • ‘क’, ‘ख’ – व्यंजन वर्ण

इसलिए जब ‘अ, इ, क, ख’ जैसे अक्षरों की बात होती है, तो उन्हें ‘वर्ण’ कहा जाता है।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • हिन्दी वर्णमाला में 13 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं, और ये मिलकर कुल 46 वर्ण बनाते हैं।

प्रश्न 6: श, ष, स, ह किस प्रकार के व्यंजन हैं?

  • स्पर्श
  • ऊष्म ✅
  • तालव्य
  • अन्त:स्थ

सही उत्तर: ऊष्म

व्याख्या:

  • ऊष्म व्यंजन वे होते हैं जिनमें हवा का बहाव अधिक होता है और उच्चारण के समय मुख से घर्षण की ध्वनि निकलती है।
  • ‘श, ष, स, ह’ को ऊष्म वर्ण कहा जाता है क्योंकि ये घर्षण उत्पन्न करते हैं।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • जब हम ‘संगीत’, ‘शब्द’, ‘हँसी’ बोलते हैं, तो इन शब्दों में हल्का घर्षण सुनाई देता है।

प्रश्न 7: ‘सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ में वाच्य बताएँ। –

  • कर्मवाच्य ✅
  • कर्तवाच्य
  • अपूर्ण कर्तृवाच्य
  • भाववाच्य

सही उत्तर: कर्मवाच्य

व्याख्या:

  • कर्मवाच्य वाक्य वह होता है जिसमें कर्म प्रमुख होता है, यानी कार्य पर ध्यान होता है, न कि करने वाले (कर्त्ता) पर।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • “काम पूरा किया जाएगा।” (किसने? नहीं बताया – कर्मवाच्य)
  • “राम काम करेगा।” (यह कर्तृवाच्य होगा क्योंकि कर्त्ता ‘राम’ स्पष्ट है)

प्रश्न 8: ‘लोकसभा का चुनाव एक निश्चित ______ के लिए होता है।’ रिक्त स्थान हेतु उपयुक्त शब्द होगा |

  • अवधि ✅
  • समय
  • युग
  • काल

सही उत्तर: अवधि

व्याख्या:

  • यहाँ ‘एक निश्चित ______’ के लिए सबसे उपयुक्त शब्द है ‘अवधि’, जिसका अर्थ होता है — निर्धारित समय सीमा।
  • ‘समय’ – सामान्य शब्द है, अनिश्चित।
  • ‘युग’/‘काल’ – बहुत लंबी अवधि के लिए प्रयोग होते हैं।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • “प्रधानमंत्री का कार्यकाल पाँच वर्षों की अवधि के लिए होता है।”
  • “परीक्षा की अवधि दो घंटे है।”

प्रश्न 9: भारतीय उच्च______ लंदन में भी हैं।’ रिक्त स्थान में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरा कीजिए।

  • आयुक्त
  • अयुक्त
  • युक्त ✅
  • आयोग

सही उत्तर: युक्त

व्याख्या:

  • युक्त का अर्थ होता है – सुसज्जित या भरा हुआ, जो उपयुक्त है।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • “भारत खनिजों से युक्त देश है।”
  • “वह ज्ञान से युक्त व्यक्ति है।”

प्रश्न 10: निम्नलिखित में से किस शब्द का प्रयोग सदा बहुवचन में ही होता है?

  • वधू
  • साधु
  • अक्षत ✅
  • नदी

सही उत्तर: अक्षत

व्याख्या:

  • अक्षत का सामान्य प्रयोग चावल (पूरे, बिना टूटे हुए) के लिए होता है, और यह सदा बहुवचन में ही आता है।
  • हम कहते हैं: “पूजा में अक्षत रखें।”
  • कभी नहीं कहते: “एक अक्षत”।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • “कलश स्थापना में अक्षत का प्रयोग होता है।”
  • “विवाह में अक्षत से वर-वधू को आशीर्वाद दिया जाता है।”

प्रश्न 11: निम्नलिखित में से कौन सा विशेषण का प्रकार नहीं है?

  • गुणवाचक
  • सर्वनामिक
  • परिमाणवाचक
  • संबंधबोधक ✅

सही उत्तर: संबंधवाचक

व्याख्या:

विशेषण (Adjective) के प्रकार होते हैं:

  • गुणवाचक विशेषण – जैसे: अच्छा, सुंदर
  • सर्वनामिक विशेषण – जैसे: यह लड़का, वह लड़की
  • परिमाणवाचक विशेषण – जैसे: थोड़ा, अधिक

प्रश्न 12: “जिन खोजा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैठ” — इस लोकोक्ति का आशय है:

  • परिश्रम व्यर्थ जाना
  • बिना परिश्रम के लाभ
  • जितना कठिन परिश्रम उतना लाभ ✅
  • जितना परिश्रम उतना लाभ नहीं

सही उत्तर: (3) जितना कठिन परिश्रम उतना लाभ

व्याख्या:

  • यह लोकोक्ति हमें सिखाती है कि गहरे या कठिन कार्यों में ही वास्तविक सफलता छिपी होती है, जिसे खोजने के लिए कठिन परिश्रम करना आवश्यक है।

उदाहरण:

  • “रवि ने वर्षों की मेहनत के बाद UPSC पास किया — सच में, जिन खोजा तिन पाइयाँ।”

प्रश्न 13: निम्नलिखित में कौन सा विलोम युग्म सुमेलित नहीं है?

  • प्रलय – सृष्टि
  • संधि – समास ✅
  • सार्थक – निरर्थक
  • निरामिष – सामिष

सही उत्तर: संधि – समास

व्याख्या:

‘संधि’ और ‘समास’ दोनों ही हिंदी व्याकरण की प्रक्रियाएँ हैं लेकिन ये विलोम शब्द नहीं हैं।

संधि: जब दो ध्वनियाँ या शब्द मिलकर नया शब्द बनाते हैं।
उदाहरण: राजा + ईश्वर = राजेश्वर

समास: जब दो शब्द मिलकर अर्थ संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं।
उदाहरण: राजपुत्र = राजा का पुत्र

दोनों प्रक्रियाएँ व्याकरण में उपयोगी हैं, लेकिन इनके बीच कोई विलोमता नहीं है।

अन्य विकल्प सही विलोम युग्म हैं:

  • प्रलय – सृष्टि: प्रलय = विनाश, सृष्टि = सृजन
  • सार्थक – निरर्थक: अर्थयुक्त बनाम अर्थहीन
  • निरामिष – सामिष: शाकाहारी बनाम मांसाहारी

प्रश्न 14: ‘आँचल पसारना’ मुहावरे का सही अर्थ है|

  • याचना करना ✅
  • आकर्षित करना
  • प्रेम निवेदन करना
  • लापरवाह होना

सही उत्तर: याचना करना

व्याख्या:
‘आँचल पसारना’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है — किसी से कुछ पाने के लिए याचना या प्रार्थना करना, विशेषकर करुणा या मदद माँगने के संदर्भ में।

❌ गलत विकल्पों का अर्थ:

  • आकर्षित करना: ध्यान खींचना – असंबंधित
  • प्रेम निवेदन करना: मुहावरे के भावार्थ से मेल नहीं खाता
  • लापरवाह होना: पूर्णतः विरोधी अर्थ

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • एक गरीब महिला मंदिर में खड़ी होकर कहती है, “हे भगवान, मेरे बच्चों के लिए अन्न दे दो।”
  • यह ‘आँचल पसारना’ का वास्तविक रूप है – विनम्र याचना करना।

प्रश्न 15: मूक’ का विलोम होगा:

  • विद्वान
  • कुटिल
  • मूर्ख
  • वाचाल ✅

सही उत्तर: वाचाल

व्याख्या:

  • मूक: जो चुप हो या बोल न सके
  • वाचाल: जो बहुत अधिक बोले, बातूनी हो
  • यह एक स्पष्ट विलोम युग्म है – चुप बनाम बहुत बोलने वाला

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • यदि कोई बच्चा बहुत शांत रहता है तो वह मूक कहा जा सकता है।
  • वहीं, जो बिना रुके बात करता रहे, उसे हम कहते हैं – “कितना वाचाल है ये!”

प्रश्न 16: ‘लेकिन’ किस प्रकार का समानाधिकरण समुच्चयबोधक है?

  • संयोजक
  • विभाजक
  • परिणामदर्शक
  • विरोधदर्शक ✅

सही उत्तर: विरोधदर्शक

व्याख्या:
‘लेकिन’ एक समुच्चयबोधक अव्यय (conjunctive particle) है जो दो वाक्यांशों या विचारों को जोड़ता है, लेकिन दोनों के बीच विरोध या विपरीतता को प्रकट करता है।

इसे विरोधदर्शक (adversative conjunction) कहा जाता है।

उदाहरण:

  • वह बहुत मेहनती है, लेकिन परिणाम अच्छे नहीं आए।
  • यहाँ “लेकिन” से पहले और बाद के विचार एक-दूसरे से विरोध में हैं।

अन्य विकल्प:

  • संयोजक: जैसे और, तथा — समान विचार जोड़ते हैं
  • विभाजक: जैसे या — विकल्प दर्शाते हैं
  • परिणामदर्शक: जैसे इसलिए — परिणाम दर्शाते हैं

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • किसी छात्र ने कहा — “मैंने पढ़ाई की लेकिन परीक्षा में नंबर कम आए।”
  • यह स्पष्ट करता है कि “लेकिन” का प्रयोग विरोध को दर्शाने के लिए होता है।

प्रश्न 17: पत्र का उत्तर शीघ्र देने की _____ करें। रिक्त स्थान में उचित शब्द होगा:

  • अनुकंपा
  • आकांक्षा
  • दया
  • कृपा ✅

सही उत्तर: कृपा

व्याख्या:
वाक्य एक औपचारिक या शिष्ट निवेदन का हिस्सा लगता है। ऐसे संदर्भों में ‘कृपा करें’ एक शालीन और उपयुक्त वाक्यांश होता है।

“पत्र का उत्तर शीघ्र देने की कृपा करें।”
यह एक विनम्र निवेदन है।

लत विकल्प:

  • अनुकंपा: सहानुभूति या संवेदना (उचित नहीं)
  • आकांक्षा: इच्छा (संदर्भ के अनुसार मेल नहीं खाता)
  • दया: करुणा (यहाँ संदर्भ विनम्र निवेदन का है, न कि करुणा का)

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • आधिकारिक पत्रों में अक्सर लिखा जाता है –
  • “कृपया शीघ्र उत्तर देने की कृपा करें।” यह शिष्टाचार दर्शाता है।

प्रश्न 18: मेरी _____ में वह निर्दोष है।” — रिक्त स्थान में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरा कीजिए।

  • सम्ममत
  • सम्मति ✅
  • सन्मति
  • समति

सही उत्तर: सम्मति

स्पष्टीकरण: यहाँ “सम्मति” (अर्थ: सहमति/राय) शब्द वाक्य में सही बैठता है।

प्रश्न 19: ‘क्षुद्र’ का विलोम होगा:”

  • विशाल ✅
  • सूक्ष्म
  • दृश्य
  • भारी

सही उत्तर: विशाल

स्पष्टीकरण:
“क्षुद्र” का अर्थ है “तुच्छ या छोटा”, और इसका विलोम है “विशाल” यानी “बड़ा या महान”।

प्रश्न 20: निम्नलिखित में से कौन सा एक शब्द शेष तीन का पर्यायवाची नहीं है?

  • संभ्रम
  • दुविधा
  • उलझन
  • वीतराग ✅

सही उत्तर: वीतराग

व्याख्या:

  • संभ्रम, दुविधा, और उलझन — ये तीनों शब्द भ्रम, असमंजस या मानसिक द्वंद्व को दर्शाते हैं।
  • जबकि वीतराग का अर्थ है — राग (आसक्ति) से मुक्त व्यक्ति, जो शांत और निर्लिप्त हो।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • एक विद्यार्थी परीक्षा में दुविधा में होता है कि कौन सा उत्तर सही है।
  • एक साधु वीतराग होता है — उसे संसारिक चीज़ों में कोई राग नहीं।

प्रश्न 21: निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य अशुद्ध है?

  • उसे सब जानते हैं।
  • वह आज प्रातःकाल के समय उदर गया था। ✅
  • मेरी नौकरी में काम नहीं करना चाहती।
  • उसके साथ न्याय किया जायेगा।

स्पष्टीकरण:

  • विकल्प 2 में “उदर गया था” शुद्ध नहीं है।
  • “उदर” का अर्थ होता है पेट, जबकि यहाँ आशय “उदास” या कोई और संदर्भ हो सकता है – यह वाक्य संदिग्ध और गलत संरचना वाला है। इसलिए यह वाक्य अशुद्ध है।

प्रश्न 22: हमें ____ है कि हम भारतीय हैं। रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त शब्द कौन सा होगा?

  • अभिमान
  • दर्प
  • गर्व ✅
  • घमंड

सही उत्तर: गर्व

व्याख्या:

  • यह वाक्य एक सकारात्मक भावना को व्यक्त करता है। “गर्व” का अर्थ होता है – आत्म-सम्मान और खुशी की भावना।
  • जबकि “अभिमान”, “दर्प” और “घमंड” में नकारात्मक अहंकार छिपा होता है, इसलिए वे उपयुक्त नहीं हैं।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • जब भारत ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतारा, तो हर भारतीय ने कहा –
  • “हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं।”

प्रश्न 23: जिसका निवारण न हो सकता हो, वाक्यांश के लिए एक शब्द होगा:

  • अनिवार्य ✅
  • अपहरणीय
  • कष्टसाध्य
  • दुर्निवार

सही उत्तर: अनिवार्य

स्पष्टीकरण: यहाँ “जिसका निवारण न हो सकता हो” — इसका अर्थ है जिसे टाला न जा सके, और इसका सही शब्द है “अनिवार्य”।

प्रश्न 24: निम्नलिखित में कौन सा शब्द वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध है?

  • अनुसरण ✅
  • अद्वि तिय
  • आजिविका
  • अनुकुल

सही उत्तर: अनुसरण

व्याख्या: “अनुसरण” का अर्थ होता है – किसी के बताए मार्ग पर चलना या अनुकरण करना।

वास्तविक जीवन उदाहरण: अच्छे आदर्शों का अनुसरण करने से जीवन में सफलता मिलती है।

प्रश्न 25: ‘क्षणिक’ का विलोम होगा:

  • तात्कालिक
  • दीर्घकालिक
  • अल्पकालिक
  • शाश्वत ✅

सही उत्तर: शाश्वत

व्याख्या:

  • “क्षणिक” का अर्थ होता है – थोड़े समय तक रहने वाला या अस्थायी।
  • इसका विलोम होगा – “शाश्वत”, जिसका अर्थ है – सदा रहने वाला या स्थायी।
  • अन्य विकल्प भी समय को दर्शाते हैं लेकिन “शाश्वत” विपरीत अर्थ में सबसे उपयुक्त है।

वास्तविक जीवन उदाहरण: सच्चा ज्ञान क्षणिक नहीं होता, वह शाश्वत होता है।

प्रश्न 26: निम्नलिखित में से किस वाक्य में व्याकरण-दोष है?

  • दिल्ली में चार गिरफ्तारियाँ हुईं।
  • यह काम अच्छा बन पड़ा।
  • मेरी जेब में एक पैसा भी नहीं है।
  • मैंने काग़ज़, पेंसिल और पुस्तकें खरीदे। ✅

सही उत्तर: मैंने काग़ज़, पेंसिल और पुस्तकें खरीदे।

व्याख्या:

  • वाक्य संख्या 4 में “खरीदे” शब्द त्रुटिपूर्ण है क्योंकि क्रिया “खरीदीं” होनी चाहिए जो स्त्रीलिंग शब्दों (पुस्तकें, पेंसिल) के अनुसार हो।
  • शुद्ध वाक्य: मैंने काग़ज़, पेंसिल और पुस्तकें खरीदीं।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • व्याकरण के अनुसार वचन और लिंग का मिलान करना आवश्यक है, जैसे – “सीमा ने मिठाइयाँ और चॉकलेट्स खरीदीं।”

प्रश्न 27: निम्नलिखित में कौन सा विकल्प सही सुमेलित नहीं है?

  • चमक दमक – द्वंद्व
  • परमानंद – बहुव्रीहि ✅
  • नीलगाय – कर्मधारय
  • दानवीर – अधिकरण तत्पुरुष

सही उत्तर: परमानंद – बहुव्रीहि ✅ (यह गलत सुमेलित है, इसलिए उत्तर सही है)

स्पष्टीकरण:

  • चमक दमक – द्वंद्व समास (दोनों शब्द समान महत्व के होते हैं) – ✅
  • परमानंद – यह तत्पुरुष समास है, न कि बहुव्रीहि – ❌
  • नीलगाय – कर्मधारय समास – ✅
  • दानवीर – यह तत्पुरुष समास है, लेकिन अधिकरण तत्पुरुष नहीं, बल्कि कर्मधारय या तृतीया तत्पुरुष हो सकता है – ❌

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • बहुव्रीहि: चक्रपाणि – जिसका हाथ चक्र हो
  • तत्पुरुष: राजपुत्र – राजा का पुत्र

प्रश्न 28: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘वस्त्र’ का पर्यायवाची नहीं है?

  • पट
  • अम्बर
  • निलय ✅
  • वसन

सही उत्तर: निलय

कारण: ‘निलय’ का अर्थ होता है “निवास स्थान” या “आश्रय”, जो कि ‘वस्त्र’ का पर्यायवाची नहीं है।

प्रश्न 29: निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प अव्यय (अव्याकारी शब्द) का भेद नहीं है?

  • संबंधबोधक
  • प्रविशेषण ✅ (सही उत्तर)
  • विस्मयादिबोधक
  • क्रियाविशेषण

सही उत्तर: प्रविशेषण

कारण:

  • “प्रविशेषण” व्याकरणिक रूप से कोई मान्य शब्द नहीं है। यह अव्यय का कोई भेद नहीं है। जबकि – संबंधबोधक, विस्मयादिबोधक, क्रियाविशेषण – ये सभी अव्यय के भेद हैं।

व्याख्या:

  • “अव्यय” के भेद होते हैं: क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक आदि।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • “अरे!” एक विस्मयादिबोधक अव्यय है।
  • “जल्दी” एक क्रियाविशेषण है।

प्रश्न 30: निम्नलिखित में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?

  • आपका विशेष कृपा है।
  • लोग मज़दूरों का शोषण करता है।
  • इस कहानी का शीर्षक बताओ। ✅
  • उनके शासन काल में दंगा हुए।

सही उत्तर: इस कहानी का शीर्षक बताओ।

व्याख्या:

  • विकल्प 1 में “कृपा” शब्द स्त्रीलिंग है, और “विशेष” विशेषण का लिंग मेल नहीं खा रहा।
  • विकल्प 2 में “लोग” बहुवचन है, इसलिए क्रिया “करते हैं” होनी चाहिए।
  • विकल्प 4 में “दंगा” एकवचन है, तो “हुआ” आना चाहिए।
  • केवल विकल्प 3 में व्याकरण त्रुटि नहीं है।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • सही वाक्य: “इस कहानी का शीर्षक बताओ।”
  • गलत वाक्य: “लोग नौकरी करता है।” (सही: “करते हैं”)

प्रश्न 31: ‘वह द्वार-द्वार भीख माँगता चलता है।’ – वाक्य में कारक पहचानिए।

  • अधिकरण ✅
  • कर्ता
  • करण
  • संबंध

सही उत्तर: अधिकरण

व्याख्या:

  • ‘द्वार-द्वार’ स्थान को दर्शाता है, जो “अधिकरण कारक” के अंतर्गत आता है।
  • अधिकरण कारक स्थान या क्षेत्र को दर्शाने के लिए होता है – जहाँ कोई कार्य होता है।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • मैं कक्षा में पढ़ता हूँ। (यहाँ ‘कक्षा में’ – अधिकरण कारक है)

प्रश्न 32: ‘कलम तोड़ना’ मुहावरे का सही अर्थ है:

  • बढ़िया लिखना ✅
  • पढ़ाई न करना
  • नुकसान करना
  • खराब लिखना

सही उत्तर: बढ़िया लिखना

व्याख्या:

  • ‘कलम तोड़ना’ एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है, जिसका मतलब है – किसी कार्य में जबरदस्त दक्षता या उत्कृष्ट प्रदर्शन करना, विशेष रूप से लेखन कार्य में।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • उस लेखक ने ऐसा लेख लिखा कि कलम तोड़ दी!

प्रश्न 33: ‘गांधीजी लब्धप्रतिष्ठित व्यक्ति थे।’ – वाक्य में किस प्रकार का दोष है?

  • व्यंजन-संबंधी
  • स्वर-संबंधी
  • सन्धि
  • शब्द-चयन की अशुद्धि ✅

सही उत्तर: शब्द-चयन की अशुद्धि

निष्कर्ष:

  • “लब्धप्रतिष्ठित” का अर्थ होता है: “जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त कर ली हो” — जो गांधीजी के लिए बिल्कुल उपयुक्त शब्द है।
  • यह वाक्य न व्याकरण की दृष्टि से दोषपूर्ण है, न ही अर्थ की दृष्टि से।

प्रश्न 34: जो इंद्रियों की पहुँच से बाहर हो, वाक्यांश के लिए एक शब्द होगा:

  • ऐंद्रिक
  • इंद्रियजनीय
  • इंद्रियातीत ✅
  • इंद्रियजित

सही उत्तर: 3. इंद्रियातीत

व्याख्या:

  • ‘इंद्रियातीत’ शब्द संस्कृत मूल का है जिसका अर्थ है — जो इंद्रियों की सीमा से परे हो।
  • यह शब्द दर्शन और आध्यात्मिक सन्दर्भों में अक्सर प्रयोग होता है।

उदाहरण:

  • परमात्मा एक इंद्रियातीत सत्ता है।

प्रश्न 35: ‘उंगली उठाना’ मुहावरे का सही अर्थ है:

  • निंदा करना ✅
  • धमकी देना
  • बुलाना
  • संकेत करना

सही उत्तर: 1. निंदा करना

व्याख्या:

  • यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब कोई किसी पर आरोप लगाता है या उसके चरित्र पर सवाल करता है।

उदाहरण:

  • तुम मुझ पर उंगली मत उठाओ, मैंने कुछ गलत नहीं किया।

प्रश्न 36: ‘लघूर्मि’ का संधि-विच्छेद होगा:

  • लघः + उर्मि
  • लघ + उर्मि
  • लघो + उर्मि
  • लघु + उर्मि ✅

सही उत्तर: लघु + उर्मि

प्रश्न 37: जिसे बुलाया न गया हो, वाक्यांश के लिए एक शब्द होगा:

  • अनाहूत ✅
  • आहूत
  • अतिथि
  • अज्ञात

सही उत्तर:  अनाहूत

व्याख्या:

  • ‘अनाहूत’ = ‘अन’ (नहीं) + ‘आहूत’ (बुलाया गया)
  • इसका अर्थ है: जिसे आमंत्रित नहीं किया गया हो।

उदाहरण:

  • अनाहूत व्यक्ति को सभा में प्रवेश नहीं मिला।

प्रश्न 38: ‘अत्याचार’ शब्द में संधि है:

  • यण ✅
  • वृद्धि
  • गुण
  • दीर्घ

सही उत्तर: यण

व्याख्या:

  • ‘अत्याचार’ = अत्य + आचार
  • यहाँ पर ‘अत्य’ शब्द का अंतिम अक्षर ‘य’ है और ‘आचार’ का पहला अक्षर ‘अ’ है।
  • जब ‘य’ और ‘अ’ मिलते हैं, तो संधि के नियम के अनुसार ‘य’ + ‘अ’ → ‘या’ हो जाता है।
  • यही प्रक्रिया यण संधि कहलाती है।

इसलिए ‘अत्याचार’ शब्द में यण संधि होती है।

प्रश्न 39: ‘तुमने गाया होगा’ इस वाक्य का काल है:

  • संदिग्ध भूत ✅
  • संभाव्य भविष्य
  • अपूर्ण भूत
  • सामान्य भविष्य

सही उत्तर: संदिग्ध भूत

व्याख्या:

  • जब कोई क्रिया अतीत में हुई है या नहीं — इसमें संदेह हो, तो वह काल संदिग्ध भूतकाल कहलाता है।

उदाहरण:

  • वह ऑफिस गया होगा।
  • तुमने गाया होगा।

प्रश्न 40: निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प सुमेलित नहीं है?

  • खाने की इच्छा – बुभुक्षा
  • जिसे मोक्ष की कामना हो – युयुत्सु ✅
  • कम खर्च करने वाला – मितव्ययी
  • बचपन और जवानी की उम्र के बीच की संधि – वय:संधि

सही उत्तर:  जिसे मोक्ष की कामना हो – युयुत्सु

स्पष्टीकरण:
1. खाने की इच्छा – बुभुक्षा

2. जिसे मोक्ष की कामना हो – युयुत्सु:
गलत मेल है।

  • “युयुत्सु” का अर्थ होता है – युद्ध करने की इच्छा रखने वाला।
  • जबकि मोक्ष की कामना करने वाले व्यक्ति को “मुमुक्षु” कहा जाता है।

इसलिए यह विकल्प सुमेलित नहीं है — यह सही उत्तर है।

3. कम खर्च करने वाला – मितव्ययी:
सही मेल है। – “मितव्ययी” का अर्थ होता है – मित (कम) + व्यय (खर्च) करने वाला, यानी खर्च में संयम रखने वाला।

4. बचपन और जवानी की उम्र के बीच की संधि – वय:संधि
सही मेल है। – “वयसंधि” का अर्थ होता है दो उम्रों के बीच की अवस्था (जैसे किशोरावस्था)।

निष्कर्ष: सुमेलित नहीं है – विकल्प 2

जिसे मोक्ष की कामना हो – युयुत्सु ❌
(सही होना चाहिए: मुमुक्षु)

प्रश्न 41: निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द स्त्रीलिंग नहीं है?

  • लकीर
  • लगाम
  • लालच ✅
  • लागत

सही उत्तर: लालच

व्याख्या:

  • लकीर, लगाम, और लागत — ये सभी शब्द स्त्रीलिंग हैं।
  • लालच — यह शब्द नपुंसकलिंग है और किसी भी लिंग के लिए समान रूप से प्रयुक्त होता

प्रश्न 42: ‘प्रशस्त’ का पर्यायवाची बताएं:

  • निरसन
  • प्रस्थान
  • प्रयाण
  • निष्कंटक ✅

सही उत्तर: निष्कंटक

स्पष्टीकरण:

  • “प्रशस्त” का अर्थ होता है – सुगम, सरल, विघ्न-रहित, साफ रास्ता या प्रशंसा योग्य।
  • “निष्कंटक” (न कि “निःकंटक”) संस्कृत मूल का सही रूप है, जिसका अर्थ भी बाधा रहित या काँटों से मुक्त होता है।
  • इसलिए “प्रशस्त” का पर्यायवाची निष्कंटक है।

प्रश्न 43: ‘अद्भुत’ का पर्यायवाची बताएं:

  • रक्षण
  • परिरक्षण
  • लक्षण
  • विलक्षण ✅

सही उत्तर: विलक्षण

  • यह शब्द ‘अद्भुत’ का सही पर्यायवाची है, क्योंकि दोनों का अर्थ है — अनोखा, असाधारण, चमत्कारिक।
  • क्या आप चाहें तो मैं बाकी प्रश्नों को भी इसी तरह टाइप कर सकता हूँ?

विकल्पों का अर्थ:

  • रक्षण — रक्षा करना (protection) ❌
  • परिरक्षण — संरक्षण करना (preservation) ❌
  • लक्षण — चिन्ह या संकेत (sign/symptom) ❌
  • विलक्षण — असाधारण, अनोखा, विचित्र, अद्भुत ✅

प्रश्न 44: “मैं स्वयं चली जाऊँगी।” वाक्य में “स्वयं” किस प्रकार का सर्वनाम है?

  • निश्चयवाचक
  • संबंधबोधक
  • निजवाचक ✅
  • पुरुषवाचक

Explanation:

  • “स्वयं” शब्द निजवाचक सर्वनाम है जो स्वयं की ओर इशारा करता है।
  • निश्चयवाचक सर्वनाम जैसे: “ज़रूर”, “ही”, “अवश्य” आदि होते हैं।

प्रश्न 45: “दाल-भात में मूसलचंद” लोकोक्ति का आशय है:

  • धौंस जमाने वाला
  • ड्रॉं हांकने वाला
  • काम बनाने वाला
  • बीच में दखल देने वाला ✅ (Correct)

Explanation:

  • यह लोकोक्ति उन लोगों के लिए प्रयोग होती है जो बिना ज़रूरत के बीच में टांग अड़ाते हैं।

प्रश्न 46: निम्नलिखित में से किस वाक्य में अनावश्यक-शब्द-प्रयोग दोष है?

  • सब मंत्रियों में रामदयाल श्रेष्ठ है।
  • उसे सब जानते हैं।
  • पत्र किसके नाम पर लिखा गया है?
  • आप किसी समय वहाँ हो आते । ✅ (Correct)

Chosen Option: 4 ✅

Explanation: “किसी समय” और “वहाँ हो आओ” एक साथ प्रयोग करके अनावश्यक शब्द दोहराव हो रहा है, जिससे वाक्य दोषपूर्ण हो गया।

प्रश्न 47: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तद्भव है?

  • हस्त
  • हृदय
  • हास्य
  • हल्दी ✅ (Correct)

Chosen Option: 4 ✅

Explanation:

  • हल्दी = तद्भव शब्द (संस्कृत मूल “हरिद्रा” से उत्पन्न) बाकी शब्द तात्सम हैं।

प्रश्न 48: शुद्ध वाक्य पहचानिए:

  • सुधा को अपने रूप पर गौरव है।
  • इस घटना की जाँच थानेदार कर रहा है। ✅ (Correct)
  • एक लड़का पेड़ की परछाई में बैठा है।
  • देशों की कृतियों का नारी भाषा में अनुवाद किया गया।

Chosen Option: 2 ✅

Explanation:

  • Option 2 व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध वाक्य है।
  • Option 1: “गौरव है” का प्रयोग व्यक्ति के लिए अनुचित है।
  • Option 3: “परछाई” नहीं, “छाया” होना चाहिए।
  • Option 4: “नारी भाषा” अप्रचलित और अस्पष्ट प्रयोग है।

प्रश्न 49: निम्नलिखित में से मूदन्य वर्ण कौन सा है?

  • ड ✅

Chosen Option: 1

Explanation:

  • मूदन्य वर्ण = मुँह की छत से बोला जाने वाला
  • ड (along with ट, ठ, ढ, ण) मूदन्य वर्ण होता है।

प्रश्न 50: ‘ऋणमुक्त’ में कौन सा समास है?

  • संबंध तत्पुरुष
  • संप्रदान तत्पुरुष
  • कारण तत्पुरुष
  • अपादान तत्पुरुष ✅

Chosen Option: 4

Explanation:

  • ‘ऋण से मुक्त’ में अपादान का भाव है (अर्थात् ‘से’ हटाना)।
  • इसलिए यह अपादान तत्पुरुष समास है।

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Q.51: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम नहीं है?

  • जवान ✅
  • जंघा
  • छाया
  • जटा

Option: 1

Explanation:

  • जवान तद्भव शब्द है (संस्कृत “युवान” से)।
  • बाकी शब्द संस्कृत मूल (तत्सम) हैं।

Q.52: ‘अधिक’ की उत्तमावस्था क्या होगी?

  • अधिकतम ✅
  • अधिकांश
  • अधिकतर
  • अधिकाधिक

Chosen Option: 1

Explanation: “अधिक” की उत्तमावस्था (superlative form) “अधिकतम” होती है, जिसका अर्थ है सबसे अधिक।

Q.53: ‘प्रायः लोग दैहिक सुख चाहता है।’ – वाक्य के किस अंश में अशुद्धि है?

  • चाहता है ✅
  • प्रायः
  • लोग
  • दैहिक सुख

Chosen Option: 1

Explanation:

  • “लोग” बहुवचन है, इसलिए क्रिया भी “चाहते हैं” होनी चाहिए।
  • “चाहता है” एकवचन है, जो त्रुटिपूर्ण है।

प्रश्न 54: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध है?

  • उज्ज्वल
  • ज्योत्स्ना
  • कवियित्री ✅
  • संन्यास

सही उत्तर: कवियत्री

  • स्पष्टीकरण: “कवियित्री ” वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध है। सही वर्तनी “कवयित्री” होती है।

Q.55: उसे रेडियो ले जाना है। – वाक्य में कारक पहचानिए।

  • कर्म✅
  • सम्प्रदान
  • कारण
  • कर्ता

Explanation:

वाक्य: उसे रेडियो ले जाना है।

  • “रेडियो” — क्रिया ले जाना का कर्म (object) है।

कारक पहचान:

  • कर्ता: कार्य करने वाला – राम जा रहा है।
  • कर्म: जिस पर कार्य हो – राम ने सेब खाया।
  • सम्प्रदान: देने या प्राप्त करने वाला – राम ने मोहन को किताब दी।
  • कारण: जिस कारण कार्य हो – वह बुखार से थका है।

Q.56: निम्नलिखित में से कौन सा सर्वनाम का प्रकार नहीं है?

  •  संबंधवाचक
  • निजवाचक
  • समूहवाचक ✅
  • प्रश्नवाचक

Explanation:

  • समूहवाचक = संज्ञा का भेद है, सर्वनाम नहीं।
  • जैसे: सेना, जनता, दल आदि (group nouns)

सर्वनाम के प्रकार:

  • निजवाचक: स्वयं, खुद
  • प्रश्नवाचक: कौन, क्या
  • संबंधवाचक: जो, सो

Q.57: जिस पर अभियोग लगाया गया हो’ — वाक्यांश के लिए एक शब्द होगा:

  •  अपराधी
  • अभियुक्त ✅
  • भुक्तभोगी
  • अभियोगी

Explanation:

  • अभियुक्त – जिस पर अभियोग (charge) लगाया गया हो।
  • अपराधी – जिसने अपराध किया हो (proven guilty)
  • भुक्तभोगी – जो भुगत चुका हो
  • अभियोगी – जो आरोप लगाए (complainant)

Q.58: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द पुल्लिंग नहीं है?

  • खरबूज़ा
  • पौध ✅
  • पक्षी
  • पर्दा

Explanation:

  • पौध (Plantlet) → स्त्रीलिंग शब्द है।

पुल्लिंग शब्दों के उदाहरण:

  • खरबूज़ा – पुल्लिंग: खरबूज़ा मीठा है।
  • पक्षी – पुल्लिंग: वह पक्षी उड़ गया।
  • पर्दा – पुल्लिंग: पर्दा हटा दिया गया।
  • लेकिन: पौध बड़ी नाज़ुक होती है। / पौध मर गई → स्त्रीलिंग प्रयोग।

प्रश्न 59: ‘हरघड़ी’ में कौन सा समास है?

  • तत्पुरुष
  • अव्ययीभाव ✅
  • द्विगु
  • द्वंद्व

सही उत्तर: अव्ययीभाव

स्पष्टीकरण:

  • “हरघड़ी” (हर + घड़ी) में हर एक अव्यय है, और यह घड़ी पर प्रधानता रखता है। इसलिए यह अव्ययीभाव समास का उदाहरण है।
  • अव्ययीभाव समास में पहला पद अव्यय होता है और पूरा पद अव्यय के समान ही व्यवहार करता है।

उदाहरण: सदैवप्रयाण, उपर्युक्त, यथाशक्ति

  • हरबत्ती का अर्थ: बत्ती जो हर तरफ दिखती है।

Q.60: निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य कौन सा है?

  • यह एक अनुबादित निबंध है।
  • इस रचना में अशुद्धियों का बाहुल्य है। ✅
  • वे इस जिले के लक्ष्यप्रतिष्ठित व्यक्ति हैं।
  • उसकी बुद्धिमानता से प्रभावित हूँ।

Explanation:

  • शुद्ध वाक्य: इस रचना में अशुद्धियों का बाहुल्य है।

त्रुटिपूर्ण वाक्य:

  • अनुबादित ❌ → सही शब्द: अनूदित
  • लक्ष्यप्रतिष्ठित ❌ → कोई मान्य शब्द नहीं
  • बुद्धिमानता ❌ → सही शब्द: बुद्धिमत्ता

सुधार:

  • यह एक अनूदित निबंध है।
  • वे इस जिले के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं।
  • उसकी बुद्धिमत्ता से प्रभावित हूँ।

प्रश्न 61:‘पद्माकर’ किसका पर्यायवाची है?

  • सूर्य
  • चन्द्र
  • तालाब ✅
  • कमल

सही उत्तर: तालाब

स्पष्टीकरण: ‘पद्म’ का अर्थ होता है कमल, और ‘पद्माकर’ का शाब्दिक अर्थ है “जहाँ पद्म (कमल) उत्पन्न होता है”, यानी तालाब। इसलिए ‘पद्माकर’ का पर्यायवाची तालाब होता है।

पर्यायवाची उदाहरण:

  • सरः = तालाब, सरोवर, पोखर
  • सूर्य = भानु, रवि, आदित्य
  • चन्द्र = शशि, सोम, इन्दु
  • कमल = पंकज, नलिन, राजीव

Q.62: निम्नलिखित में से किस वाक्य में अशुद्धि नहीं है?

  • तुम्हारे दो ऐच्छिक विषय ले सकते हो।
  • तुम दो ऐच्छिक विषय ले सकते हो। ✅
  • तुमने दो ऐच्छिक विषय लिया होगा।
  • वह दो ऐच्छिक विषय ले सकते हो।

Explanation:

  • सही वाक्य में व्याकरणिक मेल होता है:
  • “तुम” + “ले सकते हो”

गलतियाँ:

  • तुम्हारे दो… → “तुम्हारे” का प्रयोग गलत है, “तुम” होना चाहिए
  • तुमने…लिया → विषय बहुवचन है, “लिये” होना चाहिए
  • वह…सकते हो → “वह” के साथ “सकता है” या “सकते हैं” होना चाहिए, “हो” नहीं।

Q.63: निम्नलिखित में से किस वाक्य में दोष नहीं है?

  • मैं घर जाना है।
  • मैं उससे बात की थी। ✅
  • हल्के सा हवा का झोंका आया।
  • प्रत्येक श्रमिकों को दो-दो रूपये मिले।

Explanation:

  • सही वाक्य: मैं उससे बात की थी। → काल और रूप का सही मेल।

अशुद्ध वाक्य:

  • मैं घर जाना है। → “मुझे घर जाना है” सही है
  • हल्के सा हवा… → “हल्की सी हवा” सही रूप है (हवा स्त्रीलिंग)
  • प्रत्येक श्रमिकों… → “प्रत्येक” के बाद एकवचन आता है → “प्रत्येक श्रमिक को…”

Q.64: निम्नलिखित में से कौन सा शब्द तत्सम है?

  •  तालाब
  • तैल ✅
  • तलवार
  • त्योहार

Explanation:

  • तत्सम शब्द वे होते हैं जो संस्कृत से बिना बदले सीधे हिंदी में आए हैं।
  • तैल संस्कृत से आया तत्सम शब्द है।

अन्य शब्द:

  • तालाब = तद्भव (संस्कृत “तालव” से)
  • तलवार = देशज
  • त्योहार = तद्भव (“त्यागहार” से बदला हुआ रूप)

उदाहरण:

  • तत्सम: अग्नि, जल, सूर्य, तैल
  • तद्भव: आग (अग्नि से), पानी (पय से), सूरज (सूर्य से)

Q.65: निम्नलिखित में से कौन सी क्रिया प्रेरणार्थक है?

  • जागना
  • सीखना
  • बुलाना ✅
  • सोना

Explanation:

  • प्रेरणार्थक क्रिया वह होती है जिसमें किसी से कोई कार्य करवाया जाता है।
  • बुलाना = “किसी को बुलाने के लिए प्रेरित करना” → प्रेरणार्थक क्रिया।

अन्य क्रियाएँ:

  • जागना, सोना = स्वयं की क्रियाएँ (स्वप्रेरक)
  • सीखना = साधारण क्रिया, प्रेरण नहीं दिखाता

उदाहरण:

  • प्रेरणार्थक क्रिया: पढ़वाना, खिलाना, बुलाना
  • सामान्य क्रिया: पढ़ना, खाना, आना

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निम्नलिखित गद्यांश के खाली स्थानों में उपयुक्त शब्द भरिए।

‘हमारी धरती ने बापू को जन्म दिया। किंतु इस धरती का यह ___ (1) न हुआ कि जो महापुरुष देश की ___ (2) की बेड़ियाँ काटे और देश की ___ (3) को संसार में ऊँचा ले जाए, वह अपने द्वारा प्रतिष्ठापित स्वतंत्र राष्ट्र में जीवित रहकर विश्वशांति और ___ (4) का अपना स्वप्न पूरा कर सके। महात्माजी की इससे अच्छी मृत्यु और क्या हो सकती थी कि ___ (5) की रक्षा करते हुए उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।

Q.66 रिक्त स्थान (1) भरने के लिए ‘दुर्भाग्य’ का विलोम शब्द चुनें:

  • सौभाग्य ✅
  • भाग्य
  • अच्छी किस्मत
  • सुदृढ़

Explanation:

  • ‘दुर्भाग्य’ = बुरा भाग्य (Bad luck / Misfortune)
  • इसका विलोम (विपरीत अर्थ) होगा: ‘सौभाग्य’ = अच्छा भाग्य (Good luck / Fortune)
  • भाग्य = सिर्फ “fate” या “luck” है, यह स्पष्ट रूप से विलोम नहीं है
  • अच्छी किस्मत = सही अर्थ में विलोम है, लेकिन व्याकरणिक रूप से उपयुक्त शब्द नहीं है (यह एक वाक्यांश है)
  • सुदृढ़ = “मजबूत” का अर्थ देता है, जो संदर्भ से संबंधित नहीं है

Q.67 रिक्त स्थान (2) भरने के लिए ‘ग़ुलामी’ का समानार्थी शब्द चुनें:

  • पराधीनता ✅
  • अपहरण
  • स्वाधीनता
  • अधीनता

Explanation:

  • ग़ुलामी = परतंत्रता, किसी के अधीन होना
  • पराधीनता = दूसरों के अधीन होना (Exact synonym)
  • अपहरण = जबरन उठाकर ले जाना (kidnapping) — गलत अर्थ
  • स्वाधीनता = स्वतंत्रता — ग़ुलामी का विलोम
  • अधीनता = अधीन होना, लेकिन यह ग़ुलामी जितना सटीक समानार्थी नहीं है

Q.68: रिक्त स्थान (3) भरने के लिए ‘मान-मर्यादा’ का पर्याय चुनें:

  • प्रतिष्ठा ✅
  • मनोवृत्ति
  • नीति
  • गुरुत्व

Explanation:

  • मान-मर्यादा = सामाजिक प्रतिष्ठा, सम्मान
  • प्रतिष्ठा = समानार्थी शब्द (respect, status)
  • मनोवृत्ति = मानसिक प्रवृत्ति (mindset)
  • नीति = नियम या सिद्धांत
  • गुरुत्व = गुरुत्वाकर्षण या गंभीरता का भाव

Q.69: रिक्त स्थान (4) भरने के लिए ‘संसार में सबसे भाईचारा हो’ वाक्यांश के लिए एक शब्द चुनें:

  • वसुधैव कुटुम्बकम्
  • पृथ्वी एक परिवार
  • वसुंधरा में भाईचारा
  •  विश्वबंधुत्व ✅

Explanation:

  • विश्वबंधुत्व = समस्त संसार को एक परिवार मानकर, सबमें भाईचारा का भाव रखना।
  • यह एक शब्द में उस विचार को संक्षेप में प्रस्तुत करता है जो “संसार में सबसे भाईचारा हो” को व्यक्त करता है।
  • वसुधैव कुटुम्बकम् = यह एक संस्कृत सूत्र है, पर यह वाक्यांश है, एक शब्द नहीं।
  • पृथ्वी एक परिवार और वसुंधरा में भाईचारा — ये वाक्य जैसे हैं, परंतु एक शब्द नहीं हैं।

Q.70: रिक्त स्थान (5) भरने के लिए ‘पशुता’ का विरोधी अर्थ वाला शब्द चुनें:

  • सहजता
  • सहृदयता
  • सज्जनता
  • मानवता ✅

Explanation:

  • पशुता = वह प्रवृत्ति जिसमें हिंसा, असंवेदनशीलता, निर्दयता आदि भाव होते हैं।
  • मानवता = करुणा, संवेदना, दया, सहिष्णुता जैसी मानवीय गुणों की पहचान है — जो पशुता का सीधा विरोध करती है।
  • सहजता, सहृदयता, और सज्जनता – ये सकारात्मक गुण हैं लेकिन पशुता का सटीक विलोम नहीं हैं।

निम्नलिखित गद्यांश में दिए गए खाली स्थान को उपयुक्त शब्द से भरिए।

भारतीय ___ (1) ने कला; धर्म, दर्शन और साहित्य क्षेत्र में नाना भाव से महत्वपूर्ण फल पाये हैं और भविष्य में भी महत्वपूर्ण फल पाने की ___ (2) का परिचय वह दे चुकी है। परंतु नाना कारणों से समूची जनता एक ही धरातल पर नहीं है और सबका मुख भी एक ओर नहीं है। जल्दी में कोई फल पा लेने की आशा अटकलपच्चू सिद्धांत कायम कर लेना और उसके आधार पर कार्यक्रम बनाना ___ (3) सिद्धि में सब समय सहायक नहीं होगा। विकास की नाना सीढ़ियों पर खड़ी जनता के लिए नाना प्रकार के कार्यक्रम आवश्यक होंगे। उद्देश्य की ___ (4) ही विविध कार्यक्रमों में एकता ला सकती है, परंतु इतना निश्चित है कि जब तक हमारे सामने उद्देश्य स्पष्ट नहीं हो जाता, तब तक कोई भी कार्य, कितनी ही व्यापक शुभेच्छा के साथ क्यों ना ___ (5) किया जाय, वह फलदायक नहीं होगा।

प्रश्न 71: रिक्त स्थान (1) के लिए ‘बुद्धि’ का पर्यायवाची शब्द चुनें:

  • संस्कृति
  • अभिलाषा
  • श्रद्धा
  • मनीषा ✅

सही उत्तर:  मनीषा

व्याख्या:

  • ‘बुद्धि’ के पर्यायवाची शब्दों में मनीषा एक प्रमुख और शुद्ध विकल्प है।
  • मनीषा का अर्थ है — विचारशीलता, विवेकपूर्ण बुद्धि, या सूक्ष्म चिंतन करने की क्षमता।

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  • “उनकी मनीषा का लोहा सभी मानते हैं।” — यहाँ बुद्धिमत्ता के लिए मनीषा शब्द का प्रयोग हुआ है।

प्रश्न 72: रिक्त स्थान (2) में ‘सामर्थ्य’ का पर्यायवाची शब्द चुनें:

  • कामना
  • बल
  • योग्यता ✅
  • बुद्धि

सही उत्तर:  योग्यता

व्याख्या:

  • सामर्थ्य का अर्थ होता है — किसी कार्य को करने की क्षमता, योग्यता या शक्ति।
  • इन विकल्पों में योग्यता ही ऐसा शब्द है जो सामर्थ्य के निकटतम पर्यायवाची है।

विकल्प विश्लेषण:

  • कामना: इसका अर्थ है — इच्छा या आकांक्षा। यह सामर्थ्य का पर्याय नहीं है।
  • बल: शारीरिक या मानसिक ताकत को कहते हैं — यह कभी-कभी सामर्थ्य के करीब आता है, लेकिन पूरे संदर्भ में यह फिट नहीं बैठता।
  • बुद्धि: यह विवेक या समझ का द्योतक है, परंतु ‘सामर्थ्य’ के पर्याय के रूप में उपयुक्त नहीं है।

गद्यांश में प्रयोग की व्याख्या:

  • “और भविष्य में भी महत्वपूर्ण फल पाने की (2) ___ परिपाटी बन चुकी है।”
  • यहाँ वाक्य कहता है कि भारतीय मनीषा ने अतीत में अच्छे परिणाम प्राप्त किए हैं और भविष्य में भी फल पाने की क्षमता/योग्यता विकसित कर ली है।
    इसलिए “योग्यता” शब्द सबसे उपयुक्त बैठता है।

प्रश्न 73: रिक्त स्थान (3) में ‘चाहा हुआ’ अर्थ को व्यक्त करने वाला शब्द चुनिए:

  • महत्वपूर्ण
  • अनिष्ट
  • अभीष्ट ✅
  • प्रविष्ट

✅ सही उत्तर: अभीष्ट

व्याख्या:

  • अभीष्ट का अर्थ होता है — इच्छित, जिसे चाहा गया हो, लक्ष्य या मनवांछित।
  • प्रश्न में “चाहा हुआ” अर्थ स्पष्ट रूप से दिया गया है, इसलिए इसका पर्याय ‘अभीष्ट’ ही हो सकता है।

विकल्पों का विश्लेषण:

  • महत्वपूर्ण: यह जरूरी या प्रभावशाली चीज के लिए प्रयुक्त होता है, लेकिन “चाहा हुआ” नहीं दर्शाता।
  • अनिष्ट: यह नकारात्मक अर्थ वाला शब्द है — अप्रिय या हानिकारक, अतः असंगत है।
  • प्रविष्ट: मतलब होता है प्रवेश किया हुआ — यह भी संदर्भ से मेल नहीं खाता।

गद्यांश में प्रयोग की व्याख्या:

  • “सिद्धि के सबसे महत्वपूर्ण साधनों पर कार्यक्रम बनाना — (3) ___ सिद्धि में समय लग सकता है।”
  • यहाँ “(3)” वाले स्थान पर वह शब्द आएगा जो यह दर्शाए कि जिन साधनों की योजना बनाई गई है, वे इच्छित या अभिलषित हैं — यानी ‘अभीष्ट’।

प्रश्न 74: रिक्त स्थान (4) के लिए उपयुक्त शब्द होगा:

  • निरर्थकता
  • एकता
  • अनेकता
  • सफलता ✅

व्याख्या:

  • रिक्त स्थान वाला वाक्यांश गद्यांश में इस प्रकार था:
  • “इच्छित की (4) ही विविध प्रकार के कार्यक्रमों की आवश्यकता होगी।”
  • यहाँ वाक्य का संदर्भ यह है कि जो उद्देश्य या लक्ष्य चाहा गया है (यानी अभीष्ट), उसकी प्राप्ति के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की जरूरत होगी। इसका अर्थ है — लक्ष्य को प्राप्त करना, यानी “सफलता” ही वह सही शब्द है जो इस रिक्त स्थान में तार्किक रूप से फिट बैठता है।

विकल्पों का विश्लेषण:

  • निरर्थकता — मतलब व्यर्थता या बेमतलब होना, जबकि गद्यांश में सकारात्मक परिणाम की बात हो रही है।
  • एकता — सामाजिक या भावनात्मक जुड़ाव की बात करता है, पर यहाँ संदर्भ कार्य की सिद्धि से है।
  • अनेकता — विविधता या भिन्नता, यह भी यहाँ अप्रासंगिक है।

प्रश्न 75: रिक्त स्थान (5) भरने के लिए ‘अंत’ का विलोम शब्द चुनिए:

  • समापन
  • संपन्न
  • आरंभ ✅
  • अनंत

व्याख्या:

  • गद्यांश में वाक्यांश इस प्रकार था:
  • “तब तक कोई भी कार्य, कितनी ही व्याप्ति प्रकट करे, के साथ क्यों ना ___ (5) किया जाए, वह फलदायक नहीं होगा।”
  • यहाँ वाक्य उस स्थिति का वर्णन कर रहा है जब कोई कार्य आरंभ किया जा रहा हो — इस वाक्य में ‘आरंभ करना’ ही उपयुक्त भाव व्यक्त कर रहा है।

विकल्पों का विश्लेषण:

  • समापन — इसका अर्थ है समाप्ति, जो “अंत” का पर्याय है, विलोम नहीं।
  • संपन्न — पूरा होना, यह भी समाप्ति से जुड़ा है, विलोम नहीं।
  • अनंत — जिसका अंत नहीं है, यह एक विशेषण है, न कि “अंत” का सीधा विलोम।

सही उत्तर: आरंभ
“… के साथ क्यों ना आरंभ किया जाए, वह फलदायक नहीं होगा।”


प्रश्न 76: निम्नलिखित वाक्यांशों का क्रम सही नहीं है।
P, Q, R, S के रूप में संकेतित वाक्यांशों का क्रम सही नहीं है। इन वाक्यांशों को सही और सार्थक क्रम में नियोजित कीजिए।

(Q) अनुभव किया

(R) एक अच्छे व्याकरण की आवश्यकता का

(S) द्विवेदी जी ने

(P) भाषा के मानकीकरण के लिए

विकल्प:

  • QRPS
  • SPRQ ✅
  • SPQR
  • PRQS

सही उत्तर: SPRQ

प्रश्न 77: इन प्रश्नों में वाक्य के कुछ अंशों के क्रम में उलटफेर कर दिया गया है। वाक्यांशों को P, Q, R, S अंकित किया गया है।
वाक्य को तर्कपूर्ण क्रम देने के लिए उचित विकल्प चुनिए।

वाक्यांश:

  • (P) अनुभूति उत्पन्न करने का प्रयास करती है।
  • (Q) कविता मानव जीवन के व्यापकत्व की
  • (R) रागों या बेनामरूप मनोदृष्टियों का
  • (S) सृष्टि के साथ उचित सामंजस्य स्थापित करके

विकल्प:

  • RPSQ
  • PRSQ
  • PSRQ
  • SPRQ ✅

सही उत्तर: SPRQ

Q.78: निम्नलिखित प्रश्नों में एक वाक्य S1, S6, P, Q, R और S के रूप में संकेतिक है। S1 और S6 का क्रम निश्चित है। नीचे दिए गए चार विकल्पों में से एक विकल्प को चुनिए जिसमें वाक्यों का सर्वोत्तम तार्किक क्रम हो।

S1: एक घंटा और गुजर गया।
P: फिर भी ठंड कम न हुई।
Q: ऐसा जान पड़ता था, सारा रक्त जम गया है।
R: रात को शीत की हवा से ठिठुराना शुरू किया।
S: हूक उठी और उसने दोनों घुटनों को छाती से मिलाकर सिर को उसमें छिपा लिया।
S6: धमनीयों में रक्त की जगह हिम बह रहा है।

विकल्प:

  • QSRP
  • PQRS
  • RSPQ ✅
  • SRQP

सही उत्तर: RSPQ

संपूर्ण वाक्य का तार्किक क्रम:

  • S1: एक घंटा और गुजर गया।
  • R: रात को शीत की हवा से ठिठुराना शुरू किया।
  • S: हूक उठी और उसने दोनों घुटनों को छाती से मिलाकर सिर को उसमें छिपा लिया।
  • P: फिर भी ठंड कम न हुई।
  • Q: ऐसा जान पड़ता था, सारा रक्त जम गया है।
  • S6: धमनीयों में रक्त की जगह हिम बह रहा है।

Q.79: इन प्रश्नों में वाक्य के कुछ अंशों के क्रम में उलटफेर कर दिया गया है। वाक्यांशों को P, Q, R, S अंकित किया गया है। वाक्य को तर्कपूर्ण क्रम देने के लिए उचित विकल्प चुनें।

वाक्यांश:

P: सच पूछिए तो

Q: जिन्हें धर्म कहते हैं

R: इसी श्रद्धा के आश्रय से उन कर्मों के महत्व का भाव रह जाता है

S: और जिनमें मनुष्य समाज की स्थिति है

विकल्प:

  • RPQS
  • QPRS
  • SQRQ
  • PRQS ✅

सही उत्तर: PRQS

Q.80: निम्नलिखित प्रश्नों में छह वाक्य S1, S6, P, Q, R और S के रूप में संकेतित हैं। S1 और S6 का क्रम निश्चित है। नीचे दिए गए चार विकल्पों में से एक विकल्प को चुनिए जिसमें वाक्यों का सर्वाधिक तर्किक क्रम हो।

S1: अब एक बड़ी विचित्र बात हुई।
P: वह रोने लगी।
Q: बुढ़िया अमीना बालिका अमीना बन गई।
R: हामिद के चिमटे से भी विचित्र।
S: बच्चे हामिद ने बूढ़े हामिद का पार्ट खेला था।
S6: हामिद इसका रहस्य क्या समझता?

विकल्प:

  • RSQP ✅
  • PQRS
  • SRQP
  • QSPR

सही उत्तर: RSQP

Q.81: निम्नलिखित प्रश्नों में छह वाक्य S1, S6, P, Q, R और S के रूप में संकेतित हैं। S1 और S6 का क्रम निश्चित है। नीचे दिए गए चार विकल्पों में से एक विकल्प को चुनिए जिसमें वाक्यों का सर्वाधिक तर्किक क्रम हो।

S1: एक सुनसान वन में एक बहुत बड़ी झील थी।
P: उन दोनों में अच्छी मित्रता थी।
Q: उन्हीं जलचरो में से एक केकड़ा और सारस भी थे।
R: उस झील में बहुत से जलचर प्रेमभाव से रहते थे।
S: सारस को दुख तो की एक सांप उसके अंडे खा जाता था।
S6: एक दिन केकड़ा झील के किनारे बैठा था।

विकल्प:

  • RQPS ✅
  • PQRS
  • SPQR
  • RPQS

सही उत्तर:  RQPS

प्रश्न 82: निम्नलिखित वाक्यांशों का क्रम सही नहीं है। P, Q, R, S के रूप में संकेतित वाक्यांशों का क्रम सही नहीं है। इन वाक्यांशों को सही और सार्थक क्रम में नियोजित कीजिए।

वाक्यांश:

(P) कोई आंदोलात्मक प्रयत्न नहीं हुआ

(Q) हिन्दी के मानकीकरण की दिशा में

(R) किन्तु भाषा का मानक रूप अपने आप स्पष्ट होता गया

(S) प्रगनितावादी युग में

विकल्प:

  • SQRP
  • QSRP
  • RPQS
  •  SQPR ✅

सही उत्तर:  SQPR

Q.83: निम्नलिखित प्रश्नों में एक वाक्य S1, S6, P, Q, R, S के रूप में संकेतित है। S1 और S6 का क्रम निश्चित है। चार विकल्पों में से सही क्रम चुनना है जिसमें वाक्यों का तार्किक क्रम हो।

वाक्यांश:

S1 – एक राजा था।

P – प्रशंसा सुनकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ।

Q – उसे अपनी प्रशंसा सुनने का बड़ा शौक था।

R – सभी ने उस महल की खूब प्रशंसा की।

S – एक बार उसने एक भव्य और मनमोहक महल का निर्माण करवाया।

S6 – राजा ने उस महल में एक महात्मा पधारे।

विकल्प:

  • QSRP ✅
  • PRSQ
  • RPQS
  • QRSP

सही क्रम: QSRP

Q.84: निम्नलिखित प्रश्नों में एक वाक्य S1, S6, P, Q, R, S के रूप में संकेतित है। S1 और S6 का क्रम निश्चित है। नीचे दिए गये चार विकल्पों में से एक विकल्प को चुनिए जिसमें वाक्यों का सर्वाधिक तार्किक क्रम हो।

वाक्यांश:

S1 – एक किसान था।

P – घर्मपाल दूध बेचकर काफी धनी हो गया था।

Q – वह सुबह शाम दूध देती थी।

R – उसके पास एक दुधारू गाय थी।

S – उसका नाम धरमपाल था।

S6 – एक बार गाय बीमार पड़ गई।

विकल्प:

  • SQPR
  • QRSP
  • RSQP
  • SRQP ✅

✅ सही उत्तर:  SRQP

प्रश्न 85: इन प्रश्नों में वाक्य के कुछ अंशों के क्रम में उलटफेर कर दिया गया है। वाक्यांशों को P, Q, R, S अंकित किया गया है। वाक्य को तर्कपूर्ण क्रम देने के लिए उचित विकल्प चुनें।

वाक्यांश:

(P) वह पहले कौन था!

(Q) ऐसा तो कोई नहीं कह सकेगा।

(R) परंतु कालिदास के काव्यों में यह जिस शोभा और सौम्यता का भार लेकर प्रवेश करता है

(S) कि कालिदास के पूर्व भारतवर्ष में इस पुष्प का कोई नाम ही नहीं जाना था,

विकल्प:

  • PRSQ
  • QSRP ✅
  • RSQP
  • QSPR

सही उत्तर: QSRP


नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

हमें सुंदरता की कसौटी बदलनी होगी। अभी तक यह कसौटी अमीरी और विलासिता के ढंग की थी। हमारा कलाकार अमीरों का पल्ला पकड़े रहना चाहता था, उन्हीं की कद्रदानी पर उसका अस्तित्व अवलंबित था और उन्हीं के सुख-दुख, आशा-निराशा, प्रतियोगिता और प्रतिद्वंद्विता की व्याख्या कला का उद्देश्य था। उसकी निगाहें अंतःपुर और बंगलों की ओर उठती थीं। झोंपड़े और चबूतरे उसके ध्यान के अधिकारी न थे। उसने वह मनुष्य जो पीरिथ के बाहर समझता था। कभी इनकी तरफ़ तक़ता भी था, तो इनका मज़ाक उड़ाने के लिए। ग्राम्यजीवन की देहाती वेश-भूषा और तौर-तरीके पर हँसने के लिए, उसका शीन-काफ़ दुरुस्त न होना या मुहावरों का ग़लत उपयोग उसके व्यंग्य विद्रूप की स्थाई सामग्री थी। वह वही मनुष्य है, उसमें ही हृदय है, और उसमें ही आकांक्षाएँ हैं- यह कला की कल्पना के बाहर की बात थी।

86 प्रश्न: ‘वेश-भूषा’ का अर्थ होता है:

  • रूप-ढंग
  • चाल-चलन
  • ✅ पोशाक
  • वाक्-शैली

✅ सही उत्तर: पोशाक

व्याख्या:

  • ‘वेश-भूषा’ एक संयुक्त शब्द है:
  • वेश = पहनावा
  • भूषा = श्रृंगार या वस्त्र

इसलिए इसका कुल अर्थ होता है: कपड़े या पहनने का ढंग, यानी पोशाक।

  • यह व्यक्ति के बाहरी पहनावे से संबंधित है, न कि उसके व्यवहार या बोलने के तरीके से।

अन्य विकल्पों की गलतियाँ:

  • रूप-ढंग = व्यक्तित्व या दिखावट का तरीका (यह सामान्य रूप से सौंदर्य का वर्णन करता है, वेश-भूषा से भिन्न है)
  • चाल-चलन = व्यवहार और आचरण (नैतिकता और सामाजिक व्यवहार से जुड़ा)
  • वाक्-शैली = बोलने का तरीका या भाषण शैली (यह बोलचाल से संबंधित है, पहनावे से नहीं)

उदाहरण:

  • उसकी वेश-भूषा से स्पष्ट था कि वह किसी खास अवसर के लिए तैयार हुआ है।
    (यानी उसकी पोशाक से यह पता चल रहा था।)

87 प्रश्न: गद्यांश में किसकी तरफ़दारी की गई है?

  • सौंदर्य के पारंपरिक प्रतिमानों की
  • शहरी अमीरों की
  • ग्रामवासी ग़रीबों की ✅
  • कला की कल्पना की

सही उत्तर: ग्रामवासी ग़रीबों की

व्याख्या:

  • गद्यांश में लेखक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि—
  • “ग्रामवासी की देहाती वेश-भूषा और तौर-तरीके पर हँसने के लिए, उसका शील-संकोच दूसरों न होना या मुहावरों का ग़लत उपयोग… उसकी व्यंग्य-विवेक की स्थाई सामग्री थी।”
  • लेखक ने उस सोच की आलोचना की है जो शहरी अमीरों की विलासिता और उनकी दुख-सुख की कला को सुंदरता मानती है, और इसके विपरीत ग्रामवासी गरीबों के जीवन, उनकी वेशभूषा, जीवनशैली, भाषा, और संकोच को नजरअंदाज या उपहास का विषय बनाती है।

लेखक ने यह भी कहा है कि:

  • “वह मनुष्यता की परिधि के बाहर समझता था।”
  • “वह भी मनुष्य है, उसका भी हृदय है, और उसमें भी आकांक्षाएँ हैं।”

यह वाक्य दर्शाता है कि लेखक ग्रामवासी ग़रीबों की संवेदनाओं, कला और मनुष्यता के पक्ष में खड़ा है।

उदाहरण: लेखक शहरी कला के बनावटी सौंदर्य की आलोचना करता है और ग्राम्य जीवन की सादगी और मानवता को महत्त्व देता है।

प्रश्न 88: ‘विद्रूप’ का अर्थ है:

  • दया
  • उपहास ✅
  • लज्जा
  • करुणा

सही उत्तर: उपहास

व्याख्या:

  • विद्रूप शब्द का सामान्य अर्थ होता है – उपहास या विकृत रूप, अर्थात किसी चीज़ को ऐसा रूप देना जो हास्यास्पद, व्यंग्यात्मक या विकृत लगे।

गद्यांश में वाक्य था:

  • “उसका शील-स्वभाव दुरुस्त न होना या मुहावरों का गलत उपयोग उसके व्यंग्य विद्रूप की स्थाई सामग्री थी।”
  • यहाँ “विद्रूप” को व्यंग्य (व्यंग्य = ताना/मज़ाक) के साथ जोड़ा गया है, जिसका आशय है – मज़ाक उड़ाना या उपहास करना।

उदाहरण: जब कोई व्यक्ति किसी की कमियों या दुर्बलताओं का मज़ाक उड़ाता है, तो उसे विद्रूप कहा जाता है।

प्रश्न 89: गद्यांश में ‘क़द्रदानी’ से क्या आशय है?

  • व्यंग्य करना
  • उपहास करना
  • अपमान करना
  • यशगान करना ✅

सही उत्तर: यशगान करना (सराहना करना, प्रशंसा करना)

व्याख्या:

गद्यांश की यह पंक्ति देखें:

  • “हमारा कलाकार अमीरों का पल्ला पकड़ें रहना चाहता था, उन्हीं की क़द्रदानी पर उसका अस्तित्व अवलंबित था।”
  • यहाँ “क़द्रदानी” का अर्थ है — कद्र (मूल्य, सराहना) करने वाले लोग यानी जो सराहना करें, प्रशंसा करें।
  • कलाकार अमीरों की सराहना (यशगान) पर निर्भर था, इसलिए “क़द्रदानी” का अर्थ हुआ — यशगान करना / प्रशंसा करना।

उदाहरण:

  • “उसने मेरी मेहनत की क़द्रदानी की।”
  • मतलब: उसने मेरी मेहनत की प्रशंसा की।

प्रश्न 90: हमें किसकी कसौटी बदलनी होगी?

  • सौंदर्य ✅
  • आदर्श
  • साहित्य
  • मनुष्यता

सही उत्तर: सौंदर्य (Beauty)

व्याख्या:

  • गद्यांश की यह पहली ही पंक्ति है:
  • “हमें सुंदरता की कसौटी बदलनी होगी।”

इसका अर्थ है कि अब तक जो सौंदर्य का मापदंड था — वह केवल अमीरी, विलासिता और बाहरी चमक-दमक पर आधारित था। लेखक कहता है कि अब यह कसौटी बदलनी चाहिए और इसमें ग्राम्य, वास्तविक, मानवीय पहलुओं को शामिल करना चाहिए।

उदाहरण:

  • पहले सुंदरता का अर्थ केवल महंगी चीज़ों से था,
  • अब सुंदरता का मतलब सरलता और सच्चाई भी होना चाहिए।

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

उस दिन शरत्पूर्णिमा थी। श्रीकृष्ण ने देखा, भगवान निशानायक का बिंब अखंड भाव से उदित है, वह अपनी सोलहों कलाओं से परिपूर्ण है। नवीन कुंकुम के समान उसका अरुण बिंब रमा के मुखचंद्र को भी मात कर रहा है। उसकी कोमल किरणावली वन में सर्वत्र फैली हुई है। ऐसे उद्दीपनकारी समय में उन्होंने अपनी मुरली की मधुर तान छेड़ दी। उसकी ध्वनि ने गोपियों के मानस को बलात् अपनी और खींच लिया। वे उस लोकोत्तर निनाद को सुनकर मुग्ध हो गईं।

वंशी की ध्वनि सुनकर गोपियों की अन्य समस्त इंद्रियाँ कर्मशून्य हो गईं। अन्य इंद्रियों के धर्म लुप्त हो गए। अकेली श्रवणेंद्रिय अक्षुण्ण रही। श्रीकृष्ण के द्वारा बजाई गई वंशी की ध्वनि सुनकर गोपियाँ आकुल हो उठीं। उन्होंने घर के सारे काम छोड़ दिए।

प्रश्न 91: लोकोत्तर’ का क्या अर्थ है?

  • लोक के बाद
  • लोक से परे ✅
  • समस्त लोक में सबसे सुंदर
  • जैसा लोक में दूसरा न हो

सही उत्तर: लोक से परे

 प्रश्न 92: समस्त इंद्रियों के कर्णमयी हो जाने से लेखक का क्या तात्पर्य है?

  • कान अपना धर्म भूल गया।
  • सभी इंद्रियाँ कान की तरह दिखने लगीं।
  • अन्य समस्त इंद्रियाँ भी श्रवण का कार्य करने लगीं। ✅
  • समस्त इंद्रियों में काँटे उग आए।

सही उत्तर : अन्य समस्त इंद्रियाँ भी श्रवण का कार्य करने लगीं।

प्रश्न 93: गद्यांश में रेखांकित अर्थ का क्या आशय है?

(रेखांकित वाक्य: “उसका अरुण बिंब रम के मुखमंडल को भी मात कर रहा है।” )

  • सूर्य के सौंदर्य के सामने रमा का मुखमंडल फीका जान पड़ रहा है।
  • रमा का मुख चंद्रमा से अधिक सुंदर जान पड़ रहा है।
  • रमा का मुख चंद्रमा को हरा रहा है।
  • चंद्रमा के सौंदर्य के सामने रमा का मुखमंडल फीका जान पड़ रहा है। ✅

सही उत्तर: चंद्रमा के सौंदर्य के सामने रम का मुखमंडल फीका जान पड़ रहा है।

स्पष्टीकरण:

गद्यांश में कहा गया है:

  • “उसका अरुण बिंब रम के मुखमंडल को भी मात कर रहा है।”
  • इसका अर्थ है कि भगवान निशानायक (चंद्रमा) की आभा और सुंदरता इतनी अधिक थी कि रम का सुंदर मुखमंडल भी उसके आगे मात यानी फीका लगने लगा।

यह एक उपमा अलंकार है, जिसमें तुलना द्वारा यह दिखाया गया है कि चंद्रमा की सौंदर्यता ने रम के मुख की शोभा को भी पीछे छोड़ दिया।

प्रश्न 94: ‘उसकी कोमल किरणमाला वन में सर्वत्र फैली हुई है।’ — का अर्थ बताइए।

  • वन में सूर्य की रोशनी फैली हुई है।
  • वन में कृष्ण के मुखमंडल की आभा फैली हुई है।
  • वन में रमा के मुखमंडल का उजाला फैला हुआ है।
  • वन में चाँदनी फैली हुई है। ✅

सही उत्तर: वन में चाँदनी फैली हुई है।

स्पष्टीकरण:

  • यह पंक्ति —
    “उसकी कोमल किरणमाला वन में सर्वत्र फैली हुई है।”
    — गद्यांश में चंद्रमा (भगवान निशानायक) के वर्णन से संबंधित है।

चूँकि यहाँ चंद्रमा की किरणों की बात की गई है और उन्हें कोमल बताया गया है, यह स्पष्ट रूप से चाँदनी (चंद्रमा की रोशनी) की ओर संकेत करता है, न कि सूर्य या किसी अन्य चरित्र की आभा की ओर।

प्रश्न 95: निशानायक’ का क्या अर्थ है?

(गद्यांश संदर्भ: भगवान निशानायक का बिंब अखंड भाव से उद्दीप्त है…)

  • सूर्य
  • चंद्रमा ✅
  • तारे
  • नक्षत्र

सही उत्तर: चंद्रमा

व्याख्या:

‘निशानायक’ शब्द का अर्थ होता है:

  • निशा (रात्रि) का नायक (नेता/प्रमुख)
  • और चंद्रमा ही रात्रि में सबसे प्रमुख व प्रकाशमान होता है।

गद्यांश में भी उसकी “सौम्यता”, “कलाओं से परिपूर्ण” आदि विशेषताएँ दी गई हैं — जो चंद्रमा के लिए उपयुक्त हैं।


निम्नलिखित गद्‌यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

मूर्ति तैयार हुई। शिल्पी उसे लेकर बाज़ार गया। पर दुर्भाग्य! वह न बिकी। अब कौन मुँह लेकर घर लौटे ! आखिर घर तो लौटना ही था। उसे देखते ही बच्चा ‘बताशा-बताशा’ चिल्लाता हुआ दौड़ा और उसके आगे उसने हाथ फैला दिए। शिल्पी के मुँह से कोई शब्द न निकला। वह बच्चे को अपनी गोद में चिपकाकर रोने लगा। जिसने पूँजीवाद की सृष्टि की थी, जिसने प्रकृति के भंडार पर इसका उसका, इतना-उतना अधिकार होने की व्यवस्था की थी, जिसने भू के पग-पग का बँटवारा किया था, क्या उसकी बुद्धि यहाँ तक पहुँची थी कि किसी दिन मानव संसार ऐसा हो जाएगा कि कुछ लोग सुमन-शय्या पर आराम से लेटे-लेटे मेवा-मिष्टान्न उड़ाया करेंगे और कुछ लोग पसीने के रूप में दिन-रात रक्त बहाने पर मुट्ठी-भर चने तक न पा सकेंगे?

प्रश्न 96: ‘पसीने के रूप में दिन-रात रक्त बहाने’ से लेखक का क्या तात्पर्य है?

(संदर्भ: “कुछ लोग पसीने के रूप में दिन-रात रक्त बहाने पर मुँह-भर चले तक न पा सके…”)

  • अथक परिश्रम करना ✅
  • रक्त बहाने के लिए दिन-रात न देखना
  • अपनी दुर्दशा पर आँसू बहाना
  • गर्मी में झुलसना

सही उत्तर: अथक परिश्रम करना

व्याख्या:

  • “पसीने के रूप में रक्त बहाना” एक रूपक है, जिसका अर्थ है — अत्यधिक मेहनत करना।
  • लेखक यहाँ उन लोगों की बात कर रहे हैं जिन्होंने दिन-रात मेहनत की, पर उन्हें उसका उचित फल भी नहीं मिला।

प्रश्न 97: गद्यांश का मूल भाव क्या है?

(संदर्भ: गद्यांश में शिल्पी की मूर्ति न बिकने के कारण उसकी मनःस्थिति, बच्चे का निश्छल प्रेम, और समाज में व्याप्त विषमता का वर्णन है।)

  • शिल्पी की इच्छा
  • बच्चे का प्यार
  • समाज में व्याप्त आर्थिक विषमता ✅
  • शिल्पी का वात्सल्य

प्रश्न 98: गद्यांश में रेखांकित अंश का क्या भावार्थ है?

(संदर्भ: “कुछ लोग मसनद-गद्द्या पर आराम से लेटे-लेटे मेटा-मिटेशन उड़ाया करेंगे और कुछ लोग पसीने के रूप में दिन-रात रक्त बहाने पर मुँही-भर चले तक न पा सकेंगे।”)

  • मानव समाज की दयनीय स्थिति
  • गरीबी और अभाव
  • मजदूरी में भेदभाव
  • पूँजीवाद का भीषण रूप ✅

सही उत्तर:  पूँजीवाद का भीषण रूप

व्याख्या:

  • रेखांकित अंश में यह बताया गया है कि समाज में दो वर्ग हैं –
  • एक वर्ग जो आराम से बैठा है और सोच-विचार (मेटा-मिटेशन) करता है,
  • दूसरा वर्ग जो दिन-रात खून-पसीना बहा रहा है, फिर भी उसे कोई ठोस परिणाम या संतोष नहीं मिलता।
  • यह असमानता पूंजीवादी व्यवस्था की चरम विषमता को दर्शाती है, जिसमें मेहनतकश वर्ग शोषित होता है और पूंजीपति वर्ग लाभ लेता है।

प्रश्न 99: शिल्पी बच्चे को गोद में चिपकाकर रोने लगा क्योंकि:

  • वह बच्चे से बहुत समय बाद मिला था।
  • वह बताशा लाना भूल गया था।
  • अपनी तमाम कलाओं के होते हुए भी वह अपने बच्चे को बताशा भी ख़रीदकर नहीं दे सका। ✅
  • शिल्पी के मुँह से शब्द न निकला।

सही उत्तर:  अपनी तमाम कलाओं के होते हुए भी वह अपने बच्चे को बताशा भी ख़रीदकर नहीं दे सका।

व्याख्या:

  • गद्यांश में यह बताया गया है कि शिल्पकार ने बहुत मेहनत से मूर्ति बनाई लेकिन वह बाज़ार में नहीं बिक सकी। जब वह घर लौटा तो उसका बच्चा उत्साह से चिल्लाता हुआ उसकी ओर दौड़ा, लेकिन शिल्पी के पास इतना भी धन नहीं था कि वह अपने बच्चे को बताशा दे सके।
    यह कलाकार की आर्थिक विवशता और असहायता को दर्शाता है, जिससे वह भावुक होकर रोने लगा।

प्रश्न 100: गद्यांश में ‘पग-पग’ का प्रयोग किस अर्थ में किया गया है?

  • पैर-पैर के रूप में
  • कृषिमत्ता लाने के लिए
  • कदम-कदम
  • ज़मीन मापने के अर्थ में ✅

सही उत्तर: ज़मीन मापने के अर्थ में

व्याख्या:

गद्यांश में कहा गया है –

  • “जिसने भू के पग-पग का बंटवारा किया था…”
    यहाँ ‘पग-पग’ का प्रयोग प्रतीकात्मक रूप से धरती के हर टुकड़े, हर इंच या ज़मीन के माप को दर्शाने के लिए किया गया है। यह पूँजीवाद के उस स्वरूप की आलोचना करता है, जहाँ हर चीज़ को मापा, तौला और बाँटा जाता है।

SSC JHT 2018 PYQ: PDF LINK

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